करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व सौभाग्यवती स्त्रियाँ मनाती हैं।
\\\'करवाचौथ\\\' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, \\\'करवा\\\' यानी \\\'मिट्टी का बरतन\\\' और \\\'चौथ\\\' यानि \\\'चतुर्थी\\\'। इस त्योहार पर मिट्टी के बरतन यानी करवे का विशेष महत्व माना गया है। सभी विवाहित स्त्रियां साल भर इस त्योहार का इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा-भाव से पूरा करती हैं। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है।
भूमिका की मां ने भी इसका व्रत रखा था। उसकी मां सुबह सवेरे तड़के उठकर कुछ फल और जल गृहण कर दिनभर बिना कुछ खाए पिए अपना कार्य कर रही थीं, और भूमिका उनकी सहायता कर रही थी। अचानक फ़ोन की घंटी बजी। भूमिका ने फोन उठाया, उसकी मौसी की लड़की का फोन था। उसने बात करके फोन रख दिया और उसकी मौसी की लड़की की बातों में कहीं खो गई।
उसकी बहन ने उसे बताया था, उसकी शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले और पति उसे परेशान करते थे। उसके पति की नौकरी शहर से बाहर थी। उसके पति ने उससे शादी तो कर ली परंतु, वह उसे अपने साथ रखने को तैयार नहीं था ना ही उसके ससुराल वे उसे उसके पास भेजते थे। अतः वह लड़की अपने मायके में ही रह रही थी। उसी बीच जब करवाचौथ के व्रत का त्यौहार आया। तो अचानक उसके पति का फ़ोन आया और उसने उसे माफी मांगकर अपने पास बुला लिया।
वह भी खुशी-खुशी चली गई। उसने सोचा शायद ईश्वर अब उसके साथ न्याय करेंगे। उसकी मौसी ने उसके पति से यह कहा कि वह उसको बाज़ार से करवाचौथ का सामान खरीदकर दे। उसने हर बात के लिए हां कह दी। परंतु, वहां ले जाकर उसने कुछ नहीं किया। करवाचौथ के दिन जब वह सोच रही कि मैं क्या करूं? तब अचानक उसे एक कोने में एक पुराना सिलेंडर और गैस का चूला नज़र आया। उसने उसे खोला और खुद ही बाज़ार जाकर समान ले आई।
शाम को पूजा कर ली, उसका पति जब घर आया तो देख कर भौचक्का हो गया कि इसने ये सब मेरी सहायता के बिना कैसे कर लिया। उस लड़की ने करवाचौथ मां से यही प्रार्थना की, कि कृपया मुझे उचित राह दिखाएं और यदि इसे ही मेरे पति के रूप में मुझे आपने दिया है, तो हमारा रिश्ता ठीक करें। नहीं चुना है तो मुझे इस घुटन भरे रिश्ते से मुक्त करें एवम सही व्यक्ति जोड़ें। कुछ समय पश्चात् दोनों का तलाक हो गया।
उसकी मौसी की लड़की की कहीं और शादी हो गई। और इस बार फिर से करवाचौथ के व्रत का त्योहार आया तो उसकी बहन ने उसे बताया कि उसके जीजाजी ने भी उसके साथ यह व्रत रखा है। भूमिका यह सब सुनकर बेहद खुश थी, कि चलो अंततः उसकी बहन को उसका सच्चा जीवन साथी मिल गया और अब वह उसके साथ बहुत खुश है। उसने मन ही मन करवाचौथ माता को धन्यवाद दिया और यह प्रार्थना की कि सभी को उचित जीवन साथी प्रदान करें। सबको ऐसे बंधन में बांधे, जो उन्हें बोझ ना लगे और दोनों ही व्यक्ति साथ में खुश रहें।
Supriya Pathak
12-Nov-2022 01:09 PM
Shandar 🌸
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Swati Sharma
12-Nov-2022 04:15 PM
Thanks
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Khan
10-Nov-2022 08:29 PM
Bahut hi achhe🌸🙏
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Swati Sharma
10-Nov-2022 08:32 PM
Thank you 🙏🏻😇
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